Board Exam Update: 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में 2025-26 के सत्र से तीन बड़े बदलाव आए हैं, जिससे छात्रों को बड़ी ख़ुशख़बरी मिली है। ये बदलाव परीक्षा पैटर्न, सिलेबस और मूल्यांकन प्रणाली में हुए हैं। इसके तहत छात्रों के लिए परीक्षा अधिक व्यावहारिक, कम रटंताली और कौशल आधारित बनी है। खास बात यह है कि अब आधे प्रश्न कंपिटेंसी बेस्ड (Competency-Based) होंगे, जो छात्रों की समझ और विश्लेषण क्षमता पर जोर देंगे।
सीबीएसई और कुछ अन्य बोर्डों ने अपने सिलेबस और प्रश्न-पत्र पैटर्न में सुधार किए हैं। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को रट्टा लगाने की बजाय सोच-समझकर लिखने को प्रेरित करना है। इसके साथ ही परीक्षा की कठिनाई को कम करते हुए छात्रों को बेहतर तरीके से परखा जाएगा।
Board Exam Update 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में बड़े बदलाव
पहला बड़ा बदलाव है प्रश्नों का स्वरूप। अब 50% प्रश्न केस स्टडी और कंपिटेंसी आधारित होंगे। इसका मतलब छात्रों को सिर्फ याद नहीं करना होगा बल्कि समझ के आधार पर प्रश्नों के हल निकालने होंगे।
दूसरा बदलाव आंतरिक मूल्यांकन में है, अब आंतरिक मूल्यांकन का हिस्सा कुल अंक का 40% होगा, जबकि बोर्ड परीक्षा के प्रश्न 60% अंक तय करेंगे। इसका मतलब विद्यार्थियों को साल भर के काम जैसे प्रोजेक्ट और टेस्ट में भी मेहनत करनी होगी।
बोर्ड परीक्षा पैटर्न का सारांश तालिका में
कंपिटेंसी बेस्ड प्रश्न 50% प्रश्न केस स्टडी और कौशल आधारित
लंबे प्रश्नों की कमी लिखित उत्तर कम से कम, संक्षेप में उत्तर जरूरी
आंतरिक मूल्यांकन कुल अंक का 40% आंतरिक मूल्यांकन (प्रोजेक्ट, टेस्ट आदि)

बोर्ड परीक्षा अंक 60% अंक बोर्ड परीक्षा से प्राप्त होंगे
पाठ्यक्रम में बदलाव सिलेबस को एनईपी 2020 के अनुरूप संशोधित किया गया
परीक्षा अवधि 3 घंटे (मार्किंग स्कीम के अनुसार)
उत्तीर्ण अंक प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक आवश्यक
कक्षा 10 की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी (फरवरी और अप्रैल)
कक्षा 12 की परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाएगी (फरवरी से अप्रैल)
परीक्षा पैटर्न में मुख्य बदलाव
परीक्षा अब अधिक प्रश्नोत्तर और एमसीक्यू (MCQ) पर आधारित होगी। 10वीं और 12वीं दोनों के प्रश्न पत्र में अब आधे से अधिक प्रश्न अर्थपूर्ण और सोच पर आधारित होंगे।
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परीक्षा में अब शॉर्ट और लॉन्ग आंसर प्रश्नों की संख्या कम हो गई है। इससे छात्र अपने जवाब कम समय में लिख सकेंगे।
छात्रों को केस स्टडी, स्रोत आधारित और विश्लेषणात्मक प्रश्नों के लिए तैयार होना होगा, जो उनकी समझ और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देगा।
कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार होगी, जिससे छात्रों को तैयारी का अच्छा अवसर मिलेगा।
छात्रों के लिए खुशखबरी
पढ़ाई अब सिर्फ रटना नहीं है बल्कि समझदारी से विचार करना होगा। इससे छात्रों का समग्र ज्ञान बेहतर होगा।
जो छात्र खेल-कूद या अन्य राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, उनके लिए परीक्षा तिथि में लचीलापन मिलेगा।
समय के पूर्व परीक्षा तिथि और पैटर्न जारी होने से, छात्र अपनी तैयारी को बेहतर योजना के साथ कर सकेंगे।
नए पैटर्न के अनुसार, छात्र प्रोजेक्ट और आंतरिक मूल्यांकन पर भी ध्यान देंगे, जिससे उनकी लगातार पढ़ाई और दक्षता बढ़ेगी।
बोर्ड परीक्षा में बदलाव के कुछ और महत्वपूर्ण तथ्य
छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी।
परीक्षा का कुल समय 3 घंटे रहेगा।
प्रत्येक विषय का अंक कुल 100 में से होगा, जिसमें 80 अंक थ्योरी और 20 अंक प्रैक्टिकल/आंतरिक मूल्यांकन के होंगे।
हर विषय में पासिंग मार्क्स 33% निर्धारित हैं।